रोजगार के अवसर : बिहार मिट्टी जांच प्रयोगशाला बहाली 2024
बिहार मिट्टी जांच प्रयोगशाला बहाली 2024 : बिहार राज्य की मिट्टी जांच प्रयोगशालाओं में अलग-अलग 330 पदों पर बहाली होगी। इसमें सहायक अनुसंधान पदाधिकारी के 207 पद हैं। प्रयोगशाला सहायक के 75 पद, सहायक निदेशक (रसायन) के 26 पद और लिपिक के 22 पद हैं। कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने इन पदों पर जल्द बहाली कराने का अधिकारियों को निर्देश दिया। 13 June को मंत्री ने कृषि भवन मीठापुर में राज्य मुख्यालय के अधिकारी, 72 राज्य स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशाला कर्मियों के साथ मिट्टी स्वास्थ्य और उर्वरता योजना की समीक्षा की।
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मंत्री ने कहा कि राज्य के 9 प्रमंडलों की चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए तकनीकी कर्मियों की बहाली की जायेगी, जिससे मिट्टी नमूनों की जांच समय पर की जा सके। उन्होंने पूरे कृषि विभाग के लिपिकों के लिए एक कैडर बनाकर 15 दिनों के अंदर नियमावली बनाने का निर्देश दिया।
बिहार मिट्टी जांच प्रयोगशाला बहाली 2024
मंत्री ने कहा कि चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला के लिए पूर्व से रूट चार्ट निर्धारित करें, ताकि किसानों को यह पता चल सके कि उनके गांव में कब चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला आयेगा। इससे किसानों को सहूलियत होगी। उन्होंने ग्राम स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशाला के कर्मियों से समय पर मिट्टी जांच कर पोर्टल पर अपलोड करने के लिए कहा। कृषि सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि इस वर्ष मिट्टी स्वास्थ्य योजना के लिए 15 करोड़ का प्रावधान किया गया है। 5 लाख मिट्टी नमूना जांच का लक्ष्य रखा गया है।
लाख 17 हजार 275 मिट्टी जांच नमूनों का संग्रह किया जा चुका है। बैठक में कृषि निदेशक मुकेश कुमार लाल, बिहार राज्य बीज निगम के एमडी आशुतोष कुमार वर्मा, उद्यान निदेशक अभिषेक कुमार, अपर सचिव शैलेन्द्र कुमार, संयुक्त सचिव मदन कुमार, मनोज कुमार, ओएसडी सुनील कुमार, अपर निदेशक (शष्य) धनंजयपति त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक (रसायन), मिट्टी जांच प्रयोगशाला विनय कुमार पाण्डेय और सभी जिलों के सहायक निदेशक (रसायन), मिट्टी जांच मौजूद थे।
बिहार मिट्टी जांच प्रयोगशाला बहाली 2024
Vacancy Details
राज्य की मिट्टी जांच प्रयोगशालाओं में अलग-अलग 330 पदों पर बहाली होगी। इसमें सहायक अनुसंधान पदाधिकारी के 207 पद हैं। प्रयोगशाला सहायक के 75 पद, सहायक निदेशक (रसायन) के 26 पद और लिपिक के 22 पद हैं।
Name of the Posts | Total Posts |
सहायक अनुसंधान पदाधिकारी | 207 |
प्रयोगशाला सहायक | 75 |
सहायक निदेशक (रसायन) | 26 |
लिपिक | 22 |
Total | 330 |
मिट्टी स्वास्थ्य और उर्वरता योजना
कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने इन पदों पर जल्द बहाली कराने का अधिकारियों को निर्देश दिया। 13 June को मंत्री ने कृषि भवन मीठापुर में राज्य मुख्यालय के अधिकारी, 72 राज्य स्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशाला कर्मियों के साथ मिट्टी स्वास्थ्य और उर्वरता योजना की समीक्षा की।
मंत्री ने कहा कि राज्य के 9 प्रमंडलों की चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए तकनीकी कर्मियों की बहाली की जायेगी, जिससे मिट्टी नमूनों की जांच समय पर की जा सके। उन्होंने पूरे कृषि विभाग के लिपिकों के लिए एक कैडर बनाकर 15 दिनों के अंदर नियमावली बनाने का निर्देश दिया।
अपनी मिट्टी का परीक्षण क्यों करें?
- उर्वरकों के संतुलित उपयोग के लिए नुस्खे प्राप्त करना।
- पोषक तत्वों की स्थिति की पुष्टि करना और कमियों की चेतावनी देना।
- खराब पौधे के प्रदर्शन के मुख्य कारणों की पहचान करना।
- उर्वरक दर के प्रति संभावित प्रतिक्रिया की भविष्यवाणी करना।
- भूमि उपयोग और प्रबंधन में परिवर्तन के जवाब में मिट्टी के स्वास्थ्य में परिवर्तन की निगरानी करना।
बिहार में मृदा परीक्षण प्रयोगशाला कितना हैं ?
बिहार में 72 ग्रामस्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशाला, 38 जिलास्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशाला, गया, मुंगेर एवं भागलपुर के अनुमंडल में 03 अनुमंडलस्तरीय मिट्टी जांच प्रयोगशाला कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त राज्य में प्रमंडल स्तर पर 09 चलंत मिट्टी जांच प्रयोगशाला कार्य कर रहा है।
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केंद्रीय मृदा परीक्षण प्रयोगशाला (CSTL ) के बारें में
केंद्रीय मृदा परीक्षण प्रयोगशाला (सीएसटीएल), कृषि विभाग, बिहार सरकार के अधीन एक प्रभाग, बिहार सरकार के कृषि निदेशालय के अधीन बिहार राज्य के लिए एक रेफरल मृदा परीक्षण प्रयोगशाला है। यह सर्वविदित है कि मृदा परीक्षण कृषि विज्ञान की दृष्टि से सही, लाभकारी और पर्यावरण के अनुकूल उपकरण है जिसका उपयोग पोषक तत्वों की निगरानी के साथ-साथ विभिन्न फसलों और फसल क्रमों के लिए सटीक उर्वरक सिफारिशें करने के लिए किया जाता है ताकि पर्यावरण को कोई नुकसान न हो।
मृदा परीक्षण फसलों में पोषक तत्वों की उपलब्धता का माप देता है। फसल की पैदावार निर्धारित करने में मिट्टी की उर्वरता महत्वपूर्ण है। किसी विशेष क्षेत्र में मिट्टी की उर्वरता और उत्पादकता को बनाए रखने के लिए विभिन्न मिट्टी की उर्वरता स्तर के लिए उर्वरकों का वैज्ञानिक और संतुलित उपयोग महत्वपूर्ण है। मिट्टी और उर्वरक पूरक तरीके से कार्य करते हैं जिससे पोषक तत्वों की इष्टतम आवश्यकता पूरी होती है। यह माना जाता है कि मिट्टी परीक्षण मूल्यों में वृद्धि से अधिकतम प्रतिक्रिया के लिए उर्वरक की आवश्यकता कम हो जाती है।