नीट अब केवल 12 वीं उतीर्ण अभ्यर्थी फार्म भर सकते है, बाध्यता खत्म न्यूनतम अंक की जरूरत नहीं
NEET केवल 12 वीं उतीर्ण फार्म भरे: NEET का फॉर्म अब कोई भी विद्यार्थी भर सकता है अर्थात जो विद्यार्थी इंटर (Intermediate) पास कर चुके हैं। अब न्यूनतम अंक की जरूरत नहीं है अगर लड़का 40 % भी मार्क्स लाया है या 35% मार्क्स लाया है। वह इस फॉर्म को भर सकते हैं इस नियम में संशोधन किया गया है एवं कुछ और नियम में भी संशोधन किया गया है तो आइए नीचे जानते हैं किसमें किसमें संशोधन किया गया है।
NEET केवल 12 वीं उतीर्ण फार्म भरे बाध्यता खत्म
12वीं के बाद मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी) ने नए नियम लागू किए हैं। अब न्यूनतम अंक की बाध्यता नहीं होगी, बल्कि 12वीं पास करने पर भी वो नीट में बैठ सकेंगे। नियम में आयु प्रावधान में भी संशोधन कर एक महीने की अवधि बढ़ाई गई है। छात्र की 31 जनवरी तक 17 साल की उम्र पूरी होनी चाहिए। ज्यादा छात्र परीक्षा दे पाएं इसलिए 01 महीने की अवधि को बढ़ाया गया है।
वहीं, मेडिकल में जगह मिलने के बाद छात्रों को अब अधिकतम 9 साल में एमबीबीएस की पढाई खत्म करनी होगी। अगर ऐसा नहीं होता, तो 9 साल बाद मेडिकल की पढ़ने जारी रखने की अनुमति नहीं होगी।
कोलेजों द्वारा गलती दोहराने पर 2 गुना जुर्माना देना होगा
कॉलेज अगर छात्र को काउंसलिंग के अलावा किसी अन्य तरीके से प्रवेश देती है तो कॉलेज को 1 करोड़ या पूरे पाठ्यक्रम के दौरान लिए जाने वाली फीस (इनमें से जो भी अधिक हो) को बतौर जुर्माना भरना होगा। NEET केवल 12 वीं उतीर्ण फार्म भरे। दूसरी बार ऐसी गलती होने पर जुर्माना दोगुना भरना होगा। साथ ही कॉलेज की ऐसी सीटों की दोगुनी संख्या में सीटें हटा दी जाएंगी। उल्लंघन से प्रवेश पाने वाले छात्र को मेडिकल कॉलेज से निष्कासित भी किया जाएगा।
समान रैंक की स्थिति में विषयों के मार्क्स के आधार पर नामांकन
नए नियम के अनुसार अगर दो या उससे अधिक छात्रों की रैंक एक समान आती है। तो वैसी स्थिति में भौतिकी (Physics) के बाद रसायन (Chemistry) और अंत में जीव विज्ञान (Biology) में प्राप्त अंकों पर विचार किया जाएगा। अगर अंक भी बराबर रहते हैं तो कम्प्यूटर के जरिए ड्रॉ निकाल कर चयन किया जाएगा।
NEET PG के लिए अलग से एंट्रेंस देने की जरुरत नहीं
NEET PG के लिए अलग से एंट्रेंस देने की जरुरत नहीं हैं, अब नेक्स्ट परिणाम के आधार पर मेरिट में जगह दी जाएगी। नेशनल मेडिकल कमिशन (एनएमसी) ने 2024 से नेक्स्ट (नेशनल एग्जिट टेस्ट) लागू करने का निर्णय लिया है। एजुकेशनिस्ट आशीष अरोड़ा ने बताया कि जो छात्रों को एमबीबीएस के पांचवें साल में देना होगा।
इस एक परीक्षा से छात्रों को पीजी के लिए अलग से एंट्रेंस देने की जरूरत नहीं रहेगी। बल्कि नेक्स्ट के परिणाम के आधार पर ही उन्हें पीजी मेरिट में जगह मिल जाएगी। छात्रों को नेक्स्ट परीक्षा से ही मेडिकल की प्रैक्टिस करने की अनुमति मिलेगी। यह नियम देश व विदेश से पढ़कर आए छात्रों पर लागू होगा।