मुसीबतः फंगल संक्रमण महामारी की तरह पूरी दुनिया में फैलने लगा हैं
मुसीबतः फंगल संक्रमण महामारी की तरह पूरी दुनिया में फैलने लगा हैंः पूरी दुनिया में फंगल संक्रमण महामारी की तरह फैल रहा है। लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज में प्रकाशित नए अध्ययन के अनुसार गंभीर फंगल संक्रमण हर साल 37.5 लाख लोगों की जान ले रहा, जबकि 65 लाख से अधिक इससे प्रभावित हो रहे हैं।
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फेफड़ों संबंधी मौतों में एक तिहाई फंगल का संक्रमणः प्रोफेसर डेनिग के अनुसार क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) (फेफड़ों के रोग) से होने वाली 32 लाख मौतों में से एक तिहाई एस्परगिलस फंगस संक्रमण के कारण हैं। 2019 में टीबी से 12 लाख लोगों की मौत हुई, उनमें से 3.40 लाख मौतों के लिए फंगल रोग जिम्मेदार है।
फंगल किस तरह की संक्रमण है
कैंडिडा एक प्रकार का फंगल संक्रमण है। जो आईसीयू, जटिल सर्जिकल रोगियों, मधुमेह, कैंसर और किडनी की विफलता के साथ-साथ समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों में होता है। हर साल लगभग 15.7 लाख कैंडिडा खून के संक्रमण से पीड़ित होते हैं और इससे 9.95 लाख मौतें होती हैं।
क्यों होता है संक्रमण
सी.डी.सी के अनुसार वातावरण में मौजूद फुगी सांस के जरिए इंसानों के भीतर पहुंचते है। अगर र रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है तो ये संक्रमण की वजह हो सकता है। एचआईवी, अंग प्रत्यारोपण कराने वाले मरीज, कैंसर रोगी व अन्य बीमारियों से जूझने वाले लोगों में इस संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है।
फंगल रोगों की वजह से 6.7% मौते हो रहीं हैं
दुनियाभर में हर साल 5.5 करोड़ लोगों की 1 मौतें होती हैं। इनमें से 6.7% मौतें फंगल रोगों की वजह से हो रही हैं। अनुमान के मुताबिक फंगल संक्रमण के कारण 68 फीसदी मौतें हो रही हैं।
भारत के अलावा अन्य 80 देशों के डाटा विश्लेषण
मैनवेस्टर विश्वविद्यालय में संक्रामक रोग के प्रोफेसर डेविड डेनिग ने भारत सहित 80 से अधिक देशों के डाटा का उपयोग करके यह गणना की है। मौतों के आंकड़ों के अनुसार यह मलेरिया की तुलना में छह गुना और टीबी की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक लोगों की जान ले रहे हैं।