Bihar Rojgar 2025: बिहार में 50 हजार लोगों को मिलेगा राजगार।

Bihar Rojgar 2025: बिहार में 50 हजार लोगों को मिलेगा राजगार: बिहार में 2026 तक 9 नई इथेनॉल फैक्ट्रियां खुलेंगी। इससे 13 करोड़ लीटर अतिरिक्त इथेनॉल का उत्पादन होगा। इनके खुलने से 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही 15 जिलों में गन्ना और मक्का की खेती करने वाले 20 हजार किसानों को भी फायदा होगा। गन्ना किसानों की चीनी मिल पर निर्भरता भी कम होगी। नई फैक्ट्रियों में भागलपुर, बेगूसराय, कैमूर, मुजफ्फरपुर, बाढ़, जमुई और वैशाली में 1-1 तथा बक्सर में 2 खुलेंगी। बक्सर और भागलपुर में मार्च 2025 तक उत्पादन शुरु हो जाएगा।

Bihar Rojgar 2025: बिहार में 50 हजार लोगों को मिलेगा राजगार।

Bihar Rojgar 2025: बिहार में 50 हजार लोगों को मिलेगा राजगार।

फिलहाल बिहार में 12 इथेनॉल फैक्ट्री है। इससे 56.50 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन होता है। जिसमें से 60% इथेनॉल का निर्यात दक्षिण भारत के राज्यों को होता है। बिहार में इथेनॉल की स्टोरेज क्षमता केवल 15 करोड़ लीटर है। यह कुल उत्पादन का एक-तिहाई से भी कम हिस्सा है। 2018 में केवल 5.77 करोड़ लीटर ही इथेनॉल का उत्पादन होता है। 7 वर्ष में इथेनॉल के उत्पादन में 10 गुना वृद्धि हुई।

2018 की तुलना में 2024 में यह बढ़कर 56.50 करोड़ लीटर हो गई है। राज्य में गन्ना की पैदावार सबसे अधिक पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, सिवान, समस्तीपुर में होती है। जबकि कटिहार, पूर्णिया, बेगूसराय, भागलपुर, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, समस्तीपुर, अररिया, दरभंगा में सबसे अधिक मक्का उत्पादन होता है।

  • नई इथेनॉल फैक्ट्री की वजह से गन्ना और मक्का की खेती राज्य में 17 लाख हेक्टेयर तक पहुंच जाएगी।
  • • बिहार में अभी 13 लाख हेक्टेयर में गन्ना व मक्का की खेती होती है। जिससे 3.60 लाख किसान सीधे जुड़े है।
  • और मक्का में 5वां स्थान है। गन्ना किसान अपनी फसल का 70% हिस्सा चीनी मिलों को बेचते है। जबकि 20% गन्ना इथेनॉल फैक्ट्री में जाता है। 10% गन्ना के गुड़ और दूसरे पदार्थ बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।
  • मक्का का 80 प्रतिशत हिस्सा इथेनॉल के उत्पादन में खर्च होता है। 20% मक्का का इस्तेमाल खाने में किया जाता है।
  • इथेनॉल का काम शराब बनाने के साथ ही पेट्रोल में मिलाने में खर्च किया जाता है। इससे पेट्रोलियम पदार्थ सस्ता रहता है। इसके साथ ही प्रयोगशाला में कम तापमान बनाए रखने के लिए कूलिंग बाथ या आइस बाथ में इथेनॉल का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही इथेनॉल का इस्तेमाल मवेशियों, सूअरों, और मुर्गियों के लिए चारे के रूप में भी किया जाता है। पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने से वायु प्रदूषण कम होता है। इसके साथ ही कार्बन और वाहन उत्सर्जन कम होता है।

अभी मांग के अनुरूप उत्पादन कम, नई फैक्ट्री लगने से बढ़ेगा

बिहार में इथेनॉल का उत्पादन अभी 56.50 करोड़ लीटर है। जो मांग के मुताबिक कम है। ऐसे में उत्पादन के साथ ही इथेनॉल का निर्यात हो जाता है। अब अधिक मात्रा मे इथेनॉल के उत्पादन का प्रयास किया जा रहा है। नई फैक्ट्री लगने से उत्पादन बढ़ेगा।

  • 12 स्थान करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन होता है बिहार में
  • 60% अभिया में निर्यात, पेट्रोल में मिलाने व शराब बनाने में हो रहा इस्तेमाल
  • 9 नई फैक्ट्री में से 2 में मार्च 2025 तक शुरु होगा उत्पादन, 7 में 2026 तक होगा
  • 2 बक्सर, भागलपुर, बेगूसराय, कैमूर, मुजफ्फरपुर, बाढ़, जमुई, वैशाली में 1-1 फैक्ट्री लगेगी

सबसे अधिक इथेनॉल उत्पादन करने वाली कंपनी

1-बिहार डिस्टिलर्स एंड बोटलर्स प्रा. लि., भोजपुर

2-पटेल एग्रो, नालंदा

3-हरिनगर डिस्टलरी, पश्चिम चंपारण

4-मुजफ्फरपुर बायोफ्यूल्स प्रा. लि.

5-ग्लोबल स्प्रिट्स लि. वैशाली

6-वेस्टवेल बायोरिफाइनरिज प्रा. लि., गोपालगंज

7-न्यू स्वेदशी डिस्टलरी, नरकटियागंज

8-भारत ऊर्जा डिस्टलरी, मुजफ्फरपुर

9-भारत शुगर मिल सिधवालिया, गोपालगंज

10-न्यू वे होम, बेगूसराय

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Faqs of Bihar Rojgar 2025: बिहार में 50 हजार लोगों को मिलेगा राजगार।

वर्ष २०२५-२०२६ में बिहार के 50,000 लोगों को राजगार दिया जाएगा।
नई फैक्ट्रियों में भागलपुर, बेगूसराय, कैमूर, मुजफ्फरपुर, बाढ़, जमुई और वैशाली में 1-1 तथा बक्सर में 2 खुलेंगी। बक्सर और भागलपुर में मार्च 2025 तक उत्पादन शुरु हो जाएगा।
बिहार में इथेनॉल की स्टोरेज क्षमता केवल 15 करोड़ लीटर है।

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